sagarmatha or Mt. Everest.......?

क्या आप जानते हैं सागरमाथा (Sagarmatha) क्या है ? यदि नहीं तो जानिए Mt. Everest ही सागरमाथा(Sagarmatha) है | महाभारत में अनेक स्थानों पर इसका वर्णन मिलता है | हिमालय को प्राचीन काल में स्वर्ग भूमि कहा जाता था |

स्वर्ग का अर्थ होता है जहाँ सुख विशेष हो | अर्थात जहाँ जीवन को सुख देने वाली सब प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध हों | महाराजा इन्द्र भी इसी हिमालय के भू-भाग में निवास करते थे | महाराजा शिव के जीवन के अनेक वृतांत इसी स्वर्ग भूमि हिमालय के साथ जुड़े हैं | गांडीवधारी अर्जुन का इसी हिमालय से विशेष लगाव था | वास्तव में हिमालय ऋषियों-मुनियों व राजाओं की जन्म एवं कर्म भूमि रहा है |

परन्तु आज अत्यंत खेद का विषय है कि भारतवर्ष की इस शान को अंग्रेजों ने गुलाम बना डाला | चलते-चलते वे हिमालय की सबसे ऊँची चोटी सागरमाथा (Sagarmatha) को Mt. Everest बना गये | जिसे हम आज़ादी के 63 साल भी  सागरमाथा (Sagarmatha) नहीं बना सके |



विश्व का विकृत इतिहास वर्तमान में सागरमाथा (Sagarmatha) और Mt. Everest को अलग-अलग बतलाता है तथा विकृत भूगोल (Geography) सागरमाथा (Sagarmatha) को नेपाल की सीमा के समीप और Mt. Everest को पाकिस्तान और चीन की सीमा के समीप दिखलाता है | ताकि वर्तमान युवा पीढ़ी पूरी तरह दिग्भ्रमित हो जाये |

इसका सीधा-साधा कारण यही है कि सत्ता पर ऐसे लोगों का कब्ज़ा रहा है जो अंग्रेज और अंग्रेजियत के मानसिक गुलाम रहे हैं | कृपया आप अपने मित्रों और परिजनों को अवश्य बतलाइयेगा कि Mt. Everest नहीं यह हिमालय का सर्वोच्च शिखर भारत के स्वाभिमान का प्रतीकात्मक मस्तिष्क सागरमाथा
है |




                                                    जय हिंद |